अपर जिला एवं सत्र न्यायालय |
अपर लोक अभियोजक दिनेश खंडेलवाल ने बताया कि 12 अप्रैल 2020 की शाम 7.30 बजे प्रार्थी मावल निवासी पुखराज पुत्र कान्हा भील ने सरकारी अस्पताल आबूरोड में रीको पुलिस को रिपोर्ट देकर बताया था कि शाम 5 बजे उसके चाचा के घर सो रहे थे। तब वह और उसके चाचा भंवर, उनका पुत्र महेंद्र सब घर पर ही थे। तभी उनकी जाति के दिनेश पुत्र थावरा, वीर पुत्र रत्न, दिनेश पुत्र मूल, ललित पुत्र थावरा, प्रकाश पुत्र थावरा, विक्रम पुत्र थावरा आदि लोग लकड़ी लेकर आए और आते ही उसके चाचा भंवर का दिनेश पुत्र थावरा और वीर पुत्र रत्न भील ने जोर से गला दबाया। तब उसके चाचा बेहोश हो गए। बीच बचाव में महेंद्र के सिर में लकड़ी से वार कर दिया। उसके जोर से चिल्लाने पर आरोपी वहां से भाग गए। इलाज के दौरान उसके चाचा भंवरलाल की मृत्यु हो गई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी के खिलाफ के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक दिनेश खंडेलवाल और पूर्व अपर लोक अभियोजक हसीब अहमद सिद्दीकी ने प्रकरण को साबित करने के लिए 10 गवाह तथा 54 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया। न्यायाधीश ग्रीष्मा शर्मा ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियोजन की ओर से प्रस्तुत तर्कों से सहमति जताते हुए 6 अभियुक्तों को हत्या का दोषी मानकर सजा सुनाई। आरोपी वीर पुत्र रतन को दोष मुक्त किया गया। शेष आरोपियों को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
if you have any suggestion regarding our news or news portal Please let us know with your comment