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बुधवार, 26 जून 2024

आपातकाल को लेकर संसद में एनडीए द्वारा आयोजित हुआ धरना प्रदर्शन

 
- जालोर-सिरोही सांसद लुम्बाराम चौधरी ने प्रदर्शन में लिया भाग, कहा :- आपातकाल इतिहास का काला धब्बा



सिरोही @ अर्बुदांचल : कांग्रेस द्वारा आज से 50 साल पहले लगाए गए आपातकाल को लेकर आज संसद भवन में संसद के बाहर बीजेपी का धरना प्रदर्शन आयोजित हुआ ,जिसमे जालौर सिरोही सांचौर के नवनियुक्त सांसद लुंबाराम चौधरी ने भी भाग लिया।

धरना प्रदर्शन के पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी को लेकर संसद भवन में कड़े शब्दों में इसकी निंदा की गई।बिरला ने उन सभी लोगो की सराहना भी की जिन्होंने इमरजेंसी का पूरा विरोध किया,अभूतपूर्व संघर्ष किया,और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।

सांसद लुंबाराम चौधरी ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर आपातकाल को देश के लोकतांत्रिक इतिहास का “काला दिवस” बताया।चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए कई बार भारत के संविधान की भावना को कुचला है। कांग्रेस सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाकर लाखों लोगों पर निर्मम अत्याचार किए। उसके बाद इंदिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद आपातकाल को जायज ठहराया था।

उन्होंने ने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। 25 जून 1975 को कांग्रेस की सरकार द्वारा देश में आपातकाल लगाया गया था, यह लोकतंत्र कुचलने का सबसे बड़ा उदाहरण है।  आपातकाल को लोकतंत्र के लिए घातक बताने के बदले राजीव गांधी ने यहां तक कहा था कि अगर इस देश का कोई प्रधानमंत्री इन परिस्थितियों में आपातकाल को जरूरी समझता है और आपातकाल को लागू नहीं करता है, तो वह इस देश का प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं है।

चौधरी ने कहा कि राजीव गांधी द्वारा तानाशाही कृत्य पर गर्व करना दर्शाता है कि कांग्रेस को परिवार और सत्ता के अलावा कुछ भी प्रिय नहीं है। अहंकार में डूबी निरंकुश तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक परिवार की सत्ता के लिए 21 महीनों तक देश में आपातकाल लगाए रखा था। आपातकाल के दौरान नागरिकों के सभी प्रकार के अधिकार निलंबित कर दिया गया था, मीडिया पर सेंसरशीप लगा दिया गया था, संविधान में बदलाव किए गए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिया गया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक समय था। आपातकाल के खिलाफ संसद से सड़क तक आंदोलन करने वाले असंख्य सत्याग्रहियों, समाजसेवियों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के संघर्ष को में नमन करता हूं।

भाजपा संभाग सह मीडिया प्रभारी चिराग रावल ने बताया कि आज संसद में न भूलेंगे,न माफ करेंगे,न दोहराने देंगे के नारे लगाए,लोकसभा में 1975 में लगे आपातकाल की निंदा की एवम सांसदों ने अपना विरोध दर्ज करवाया।

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