- सोमवार सुबह से होगी प्रवासियों के आगमन की शुरुआत, गुजरात में लॉकडाउन के पहले से फंसे हैं हजारों राजस्थान के प्रवासी
सिरोही-आबूरोड
कोई परदेश में जीवनयापन के जुगाड़ के बीच तो कोई क्वारंटाइन सेंटर की चारदीवारी में एक माह तक कैद होने के बाद अब गुजरात में फंसे हजारों प्रवासी राजस्थानी अपने घर लौट सकेंगे। गुजरात में मजदूरी समेत अन्य कामकाज से रह रहे प्रवासियों ने सोचा भी नहीं था कि कोरोना वायरस का ये लॉकडाउन उन्हें अपने घर, परिवार व गांव-शहर से एक महीने के लिए दूर कर देगा। 'देर आए, पर दुरुस्त आए' कहावत को चरितार्थ करते हुए राजस्थान सरकार भी गृह मंत्रालय से मिली हरी झंडी के बाद प्रवासियों को राजस्थान लाने की तैयारी में जुट गई है। कल यानी सोमवार सुबह सात बजे से प्रवासियों के आगमन को शुरू कर दिया गया है।
प्रवासियों को सहूलियत प्रदान करने के अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण को भी बॉर्डर पर रोकने के लिए कमर कसी जा रही है। प्रवासियों को स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही राजस्थान में प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए युद्ध स्तर पर शनिवार को राजस्थान-गुजरात सीमा स्थित सिरोही जिले के आबूरोड में मावल चौकी पर तैयारियां की जा रही है। रविवार को जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद कलाल व पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा ने तैयारियों को लेकर जिले से सटे गुजरात के बनासकांठा जिला प्रशासन व पुलिस से वार्ता कर प्रवासियों के आगमन व अपने गृह जिले भेजने की योजना बनाई। इस दौरान माउंट आबू उपखंड अधिकारी डॉ. रविंद्र गोस्वामी, तहसीलदार दिनेश आचार्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रत्नू समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौैजूद थे।
सौ बसों पहुंचेंगे गृह जिले, रोडवेज बनी प्रवासियों की सारथी
प्रवासियों को अपने वतन पहुंचाने के लिए राजस्थान रोडवेज सारथी के रूप में कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से मावल बॉर्डर पर सौ बसे लगाने की योजना बनाई गई है। इन बसों से प्रवासियों को अपने गृह जिले भेजा जाएगा। गुजरात के अमीरगढ़ में आवेदन भरवाकर राजस्थान सीमा भेजा जाएगा। यहां मावल बॉर्डर पर जिले वार बनाए गए दस काउंटरों पर प्रवासियों का सम्पूर्ण विवरण लेकर स्क्रीनिंग की जाएगी।
भोजन व्यवस्था को सम्भालेंगे शहर के भामाशाह
सिरोही जिला अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं होने से ग्रीन जॉन में है। ऐसे में जिला प्रशासन के सामने प्रवासियों को घर भेजने के साथ ही संक्रमण को रोकने का बड़ा चैलेंज है। जिसे ध्यान में रखते हुए बसों व प्रवासियों के जिले में अन्यत्र कही नहीं रूकने को सुनिश्चित किया जा रहा है। ऐसे में प्रवासियों के लिए भोजन व्यवस्था सम्भालना भी आवश्यक है। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने आबूरोड के भामाशाहों के साथ इस पर चर्चा की। भामाशाहों ने कलक्टर को राजस्थान के प्रवासियों को भोजन सम्बंधित किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने का भरोसा दिलाया है।
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